रामचरित मानस

210 भाग

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लंकाकाण्ड अंगद-राम संवाद, युद्ध की तैयारी * इहाँ राम अंगदहि बोलावा। आइ चरन पंकज सिरु नावा॥ अति आदर समीप बैठारी। बोले बिहँसि कृपाल खरारी॥2॥ भावार्थ:- यहाँ (सुबेल पर्वत पर) श्री रामजी ...

अध्याय

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